Wednesday, April 25, 2012

एक असमिया कविता


अनुवाद कविता
मूल – (असमिया) চল্লিশ বছৰত
-    दीप्ति दत्त कलिता
 अनुवाद : कुल प्रसाद उपाध्याय

चालीस की उम्र में

चालीस की उम्र में क्या सोचता है एक आदमी ? औरत ?
जोड़ता है अपने जीवन को या घटाता है ?
शुरुवात हो नहीं सकती जीवन की चालीस की उम्र में
समाप्त भी नहीं ।
चालीस तक पहुँचते पहुँचते बंद हो जाता है कविताओं  का चमन
साहित्य पा जाता है अस्पताल का रोग ।
चले नहीं थे आप अपने जीवन के तेरहवें माह में
अब लगा रहे हैं दौड़ चालीस की उम्र में,
रिक्शे वाले को दे नहीं सकते एक दस का नोट
आपकी जेब में है बजट
वन थर्टी बाई एइट्टी, वन टेन टू वन फॉर्टी
थर्टी-फाइव-इंच एंड फिफ्टी फाइव केजी ।
चालीस की उम्र में आपको लग सकती है
काफी ज़ोर की भूख
लेकिन आप खा नहीं सकते अनायास
समय से सप्रेम मिला एक मीठा रस-गुल्ला ।
चालीस की उम्र में आपको लग सकती है प्यास
लेकिन आप जा नहीं सकतीं पीने
माँ की हाथों का दूध भरा ग्लास ।
कारण, अब आप खुद भी एक माँ हैं,
डालना पड़ता है औरों के ग्लास में दूध ।
चालीस साल आप सो रहे थे अपनी दुनिया में
आज आप पूरे चालीस के हुए,
आज के बाद आप सोएँगे एक ऊधार की धरा में,
गाड़ी, मकान और बैंक का ऊधार, पढ़ाई के लिए ऊधार
आपके सुखी संसार में कभी शेष न होने वाले समय का ऊधार
यथार्थ को निर्मम यथार्थ में ट्रांसफर करने वाले
कुछ मिसलेनियस ऊधार ।
चालीस की उम्र आपकी आँखों को दे सकती है
प्लस वन पॉइंट फाइव,
बाइफोकेल लेंस से ढक सकते हैं आप अपना चेहरा
चालीस की उम्र का रविवार, आप नहीं रहतीं अपने घर
बतियाता है मोबाइल, जगह ब्यूटी-पार्लर ।
आपके बालों में लगा है सुनहरा रंग चालीस की उम्र में
आप हँसते हैं जैसे नहीं है कोई गम
आपके लॉन में दिखता है हरा- भरा पेड़,
आपकी आँखों में मुझे दिखता है, पाट दिया गया पोखर
चालीस की उम्र का ।
आपने एस आर टी कराया है
आपकी हाथों की ति-भाजित बंद छतरी में
मैं-दोपहर-नीली साड़ी-बरसात-और अनंत एक यात्रा
हो जाता है स्थिर यात्रा का लक्ष्य
चालीस की उम्र में,
कई दिनों का लंबा सफर तय करके
लौटती हो जैसे आपकी गाड़ी, अपने शहर में ।
समान दो भागों में बंट जाते हैं चौबीस घंटे
चालीस की उम्र में
बारह प्रकाश के और बारह अंधकार के ।

नहीं होता गम मौत का, चालीस की उम्र में ।
गम और आनंद को सहज ही बाँट सकती है
चालीस की उम्र ।
बना सकती है जीवन को एक लॉजिकल कांस्टेंट
चालीस की उम्र लॉजिक के सिद्धांत की तरह
निकाल सकती है जीवन जीने का तर्क
संबंधात्मक,निहितार्थक,विकल्पात्मक, संयोजक, समार्थक, नकारात्मक
ट्रूथ
फॉल्स
ट्रूथ
फॉल्स
फॉल्स ?
सच-झूठ अथवा संभाव्य ।
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