Thursday, October 28, 2010

Pragya New Course, Question Answer (पाठ पर आधारित प्रश्‍न व उत्‍तर )

प्राज्ञ नया पाठयक्रम                                            पाठ पर आधारित प्रश्‍न


1.1    हमारे संविधान निर्माताओं ने किस प्रकार की प्रणाली की संकल्‍पना की थी ?
उत्‍तर : हमारे संविधान निर्माताओं ने संघीय प्रणाली की संकल्‍पना की थी

1.2     देश का प्रशासनिक प्रधान कौन होता है – प्रधान मंत्री या राष्‍ट्रपति ?
उत्‍तर : देश का प्रशासनिक प्रधान राष्‍ट्रपति होता है ।

1.3   मंत्रिमंडल में कितने प्रकार के मंत्री होते हैं – उनके नाम लिखिए –
उत्‍तर : मंत्रिमंडल में दो प्रकार के मंत्री होते हैं – मंत्रिमंडल स्‍तर के मंत्री एवं राज्‍य स्‍तर के मंत्री ।
1.4   मंत्रालय की प्रशासनिक जिम्‍मेदारी किस पर होती है ?
उत्‍तर : मंत्रालय की प्रशासनिक जिम्‍मेदारी सचिव पर होती है ।

1.5   मंत्रालयों के अंतर्गत कौन से कार्यालय काम करते हैं ?
उत्‍तर : मंत्रालयों के अंतर्गत संबद्ध तथा अधीनस्‍थ कार्यालय काम करते हैं ।

1.6 संबद्ध तथा अधीनस्‍थ कार्यालयों के क्‍या  कार्य हैं ?
उत्‍तर : संबद्ध कार्यालय तकनीकी जानकारी के संग्रह केंद्र होते हैं तथा अधीनस्‍थ कार्यालयों पर मंत्रालय की नीतियों     
के कार्यान्‍वयन की जिम्‍मेदारी होती है ।

2.1  कार्यालयी भाषा में आवती किसे कहा जाता है ?
पूरा पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
उत्‍तर : मंत्रालय या कार्यालय में आने वाले पत्रों को कार्यालयी भाषा में आवती कहा जाता है ।

2.2  डाकेट प्रक्रिया से क्‍या तात्‍पर्य है ?
उत्‍तर : मिसिल में रखी गई आवतियों पर लाल स्‍याही से क्रम सं0- (आवती) और कार्यालय से भेजे गए पत्रों की    
कार्यालय प्रतियों पर क्रम सं0 निर्गम लिखा जाता है, यही डाकेट प्रक्रिया है ।

2.3  हवाला देने की प्रक्रिया से क्‍या तात्‍पर्य है ?
उत्‍तर : सहायक को कई बार मिसिल प्रस्‍तुत करते समय मामले से संबंधित अभिलेखों, नियमों, विनियमों आदि का    
उल्‍लेख करना पडता है जिसे हवाला देना कहते हैं ।

2.4  किन स्थितियों अंतरिम उत्‍तर  भेजा जाता है ?
उत्‍तर : जिन मामलों में तत्काल उत्‍तर देना संभव नहीं होता, वहां अंतरिम उत्‍तर दिया जाता है ।

2.5  मिसिल पर टिप्‍पणी लिखकर सहायक उसे किस अधिकारी को प्रस्‍तुत करता है ?
उत्‍तर : मिसिल पर टिप्‍पणी लिखकर सहायक उसे अनुभाग अधिकारी को प्रस्‍तुत करता है ।
 
2.6   स्‍वत: पूर्ण और स्‍वत: स्‍पष्‍ट टिप्‍पणी किस स्थिति में लिखी जाती है ?
मामलों को अधिक स्‍पष्‍ट रूप से तथा पूर्णत: प्रस्‍तुत करने के लिए स्‍वत: पूर्ण और स्‍वत: स्‍पष्‍ट टिप्‍पणी    
लिखी जाती है ।

2.7  मिसिल के कितने भाग होते हैं और उनमें क्‍या क्‍या रखा जाता है ?
उत्‍तर : मिसिल के दो  भाग होते हैं : 1. टिप्‍पणी भाग और 2. पत्राचार भाग ।
टिप्‍पणी भाग में विचाराधीन मामलों से संबंधित टिप्‍पणी रखी जाती है और पत्राचार भाग में आवतियां और     
उनसे संबंधित पत्र व्‍यवहार की कार्यालय प्रतियां रखी जाती हैं ।

3.1 पितृत्‍व अवकाश कब लिया जाता है, यह कितने दिनों का होता है ?
उत्‍तर : पितृत्‍व अवकाश बच्‍चे के जन्‍म से छह माह की अवधि तक लिया जाता है, यह 15 दिनों का होता है ।

3.2 संगरोध छुट्टी कब दी जाती है ?
 उत्‍तर : संगरोध छुट्टी छूत की बीमारी में  दी जाती है ।

3.3 अध्‍ययन अवकाश के दौरान क्‍या वेतन देने का भी प्रावधान है ?
उत्‍तर : हॉं, अध्‍ययन अवकाश के दौरान वेतन देने का भी प्रावधान है ।

3.4 क्‍या प्रसूति छुट्टी के साथ अर्ध वेतन अवकाश भी लिया जा सकता है ?
उत्‍तर : हां, प्रसूति छुट्टी के साथ अर्ध वेतन अवकाश भी लिया जा सकता है ।

3.5 राजपत्रित अधिकारियों को परिणत छुट्टी के लिए कहां से स्‍वस्‍थता प्रमाण पत्र  लेना होता है ?
उत्‍तर : राजपत्रित अधिकारियों को परिणत छुट्टी के लिए केंद्रीय सरकार स्‍वास्‍थ्‍य योजना (CGHS) के डॉक्‍टर से  स्‍वस्‍थता प्रमाण पत्र  लेना होता है ।

4.1 क्‍या सरकारी कर्मचारियों के द्वारा सेवा शर्तों का पालन करना आवश्‍यक होता है ?
उत्‍तर : हॉं, सरकारी कर्मचारियों के द्वारा सेवा शर्तों का पालन करना आवश्‍यक होता है ।

4.2 सरकारी कर्मचारी को कब तक कार्यालय पहुँच जाना चाहिए ?
उत्‍तर : सरकारी कर्मचारी को ठीक समय पर कार्यालय पहुँच जान चाहिए ।

4.3 अनधीनता के आचरण से क्‍या तात्‍पर्य है ?
उत्‍तर : अनधीनता के आचरण से तात्‍पर्य है अपने उच्‍च अधिकारियों की बात न मानना ।

4.4 स्‍पष्‍टीकरण संतोषजनक न होने पर क्‍या कार्रवाई की जाती है ?
उत्‍तर : स्‍पष्‍टीकरण संतोषजनक न होने पर चेतावनी दी जाती है कि उनका स्‍पष्‍टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया है और भविष्‍य में ऐसी अनुशासनहीनता का आचरण न करे ।

4.5 कार्यालय अनुशासन का उल्‍लंघन करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध क्‍या कार्रवाई की जाती है ?
उत्‍तर : कार्यालय अनुशासन का उल्‍लंघन करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाती है । इसके तहत उनका आंतरिक स्‍थानांतरण भी किया जा सकता है ।

5.1  सेवा पंजी में क्‍या रिकार्ड रखा जाता है ?
उत्‍तर : सेवा में अधिकारी/कर्मचारी की सेवा से संबंधित रिकार्ड रखा जाता है ।

5.2 कर्मचारी को कार्यभार ग्रहण करने के बाद कौन कौन से फार्म भरने होते हैं ?
उत्‍तर : कर्मचारी को कार्यभार ग्रहण करने के बाद भविष्‍य निधि नामांकन फार्म, केंद्रीय सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजनाका नामांकन, परिवार का ब्‍यौरा, गृह नगर की घोषणा आदि फार्म भरने होते हैं ।

5.3 क्‍या गृह नगर को सेवा काल में बदला जा सकता है ?
उत्‍तर : हॉं , सेवा काल में एक बार बदला जा सकता है ।

5.4 केंद्र सरकार में जनवरी 2004 से वेतन का कितना भाग अंशदायी भविष्‍य निधि के रूप में काटा जाता है ?
उत्‍तर : केंद्र सरकार में जनवरी 2004 से वेतन का 10% अंशदायी भविष्‍य निधि के रूप में काटा जाता है ।

5.5 कर्मचारी को मूल वेतन के साथ अन्‍य क्‍या क्‍या भत्‍ते दिए जाते हैं ?
उत्‍तर : कर्मचारी को मूल वेतन के साथ महंगाई भत्‍ता, मकान किराया भत्‍ता, परिवहन भत्‍ता आदि भत्‍ते दिए जाते हैं ।

6.1 संविधान सभा द्वारा कब हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में चुना गया ?
उत्‍तर : संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को  हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में चुना गया ।

6.2 भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं हैं ?
उत्‍तर : भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22  भाषाएं हैं ।

6.3 भाषायी प्रावधान के अंतर्गत राजभाषा हिंदी से संबंधित कितने अनुच्‍छेद हैं
उत्‍तर : भाषायी प्रावधान के अंतर्गत राजभाषा हिंदी से संबंधित कुल 11(ग्‍यारह)  अनुच्‍छेद हैं – 120, 210, 343, 344, 345, 346, 347, 348, 349, 350 एवं 351
6.4 प्रथम राजभाषा आयोग की स्‍थापना कौन सी धारा के अंतर्गत तथा किसकी अध्‍यक्षता में हुई ?
उत्‍तर : प्रथम राजभाषा आयोग की स्‍थापना धारा-344 (1) के अंतर्गत तथा बी जी खेर की अध्‍यक्षता में हुई ।
6.5 राजभाषा अधिनियम कब बनाया गया ?
उत्‍तर : राजभाषा अधिनियम वर्ष 1963 में  कब बनाया गया ।
6.6 राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत कितने प्रकार के दस्‍तावेज द्विभाषी रूप में जारी किए जाने अनिवार्य किए गए ?
उत्‍तर : राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के अंतर्गत कुल 14 प्रकार के दस्‍तावेज द्विभाषी रूप में जारी किए जाने अनिवार्य किए गए ।

6.7 हिंदी शिक्षण योजना एवं केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्‍थान  की स्‍थापना कब की गई ?
उत्‍तर : हिंदी शिक्षण योजना एवं केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्‍थान  की स्‍थापना क्रमश: वर्ष 1952 तथा 1985 में  की गई ।

6.8 तकनीकी कक्ष की स्‍थापना क्‍यों की गई ?
उत्‍तर : यांत्रिक और इलेक्‍ट्रानिक उपकरणों द्वारा हिंदी को बढावा देने के लिए तकनीकी कक्ष की स्‍थापना की गई ।

7.1 कार्यालयीन पत्राचार का प्रयोग कहां किया जाता है ?
उत्‍तर: कार्यालयीन पत्राचार का प्रयोग मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयेां आदि में किया जाता है ।

7.2 कार्यालयीन पत्राचार के प्रयोग का उद्देश्‍य स्‍पष्‍ट करें -
उत्‍तर: कार्यालयीन पत्राचार के प्रयोग का उद्देश्‍य सरकारी निर्णयों की सूचना देना अथवा प्राप्‍त करना होता है ।

7.3 मसौदा लेखन से पूर्व किन औपचारिकताओं से गुजरना पड़ता है ?
उत्‍तर: मसौदा लेखन से पूर्व टिप्‍पणी लेखन की औपचारिकताओं से गुजरना पड़ता है जिसमें प्राप्‍त प्रस्‍ताव की जानकारी, संगत  नियमों का उल्‍लेख, प्रावधान और प्रस्‍तावित निर्णय पर सुझाव दिया जाता  है ।

7.4 मसौदे की भाषा किस प्रकार की होनी चाहिए ?
उत्‍तर: मसौदे की भाषा स्‍पष्‍ट, संक्षिप्‍त और निर्वैक्तिक होनी चाहिए ।

8.1 क्‍या पत्र का प्रयोग दो मंत्रालयों के बीच होता है ?
उत्‍तर: नहीं, पत्र का प्रयोग दो मंत्रालयों के बीच नहीं होता ।

8.2 सरकारी पत्र में संबोधन किस रूप में किए जाते हैं ?
उत्‍तर: सरकारी पत्र में संबोधन महोदय/महोदया के किस रूप में किए जाते हैं ।

8.3 क्‍या सरकारी पत्र अधिकारी के नाम से लिखा जा सकता है ?
उत्‍तर: सरकारी पत्र सामान्‍यत: अधिकारी के नाम से नहीं लिखा जाता, लेकिन निजी व्‍यक्तियों को भेजे जाने वाले पत्र अधिकारी के नाम से लिखे जा सकते हैं ।

8.4 सरकारी पत्र में पाने वाले अधिकारी और कार्यालय का उल्‍लेख कहां किया जाता है ?
उत्‍तर: सरकारी पत्र में पाने वाले अधिकारी और कार्यालय का उल्‍लेख पत्र के प्रारंभ में सेवा में लिखकर किया जाता है ।

9.1 अर्ध सरकारी पत्र का प्रयोग किन अधिकारियों के बीच  किया जाता है ?
उत्‍तर: अर्ध सरकारी पत्र का प्रयोग समान स्‍तर के राजपत्रित अधिकारियों के बीच एवं गैर सरकारी संस्‍थाओं के अधिकारियों के लिए किया जाता है ।

9.2 अर्ध सरकारी पत्र में संबोधन किस रूप में किया जाता है ?
उत्‍तर: अर्ध सरकारी पत्र में संबोधन प्रिय/प्रियश्री के रूप में किया जाता है

9.3 अर्ध सरकारी पत्र की भाषा कैसी होनी चाहिए ?
उत्‍तर: अर्ध सरकारी पत्र की भाषा वैयक्तिक एवं मित्रतापूर्ण होनी चाहिए 
9.4 अर्ध सरकारी पत्र में भेजने वाले अधिकारी का नाम और पदनाम कहां लिखा जाता है ?
उत्‍तर: अर्ध सरकारी पत्र में भेजने वाले अधिकारी का नाम और पदनाम पत्र के ऊपर बाईं ओर लिखा जाता है ।

9.5 अर्ध सरकारी पत्र में पाने वाले अधिकारी का पता कहां लिखा जाता है ?
उत्‍तर: अर्ध सरकारी पत्र में पाने वाले अधिकारी का पता पत्र के नीचे बाईं ओर लिखा जाता है ।

10.1 कार्यालय ज्ञापन किन स्थितियों में लिखा जाता है ?
उत्‍तर: कार्यालय ज्ञापन विभागों/मंत्रालयों एवं कर्मचारियों को सूचना देने अथवर सूचना मांगने के लिए तथा संबद्ध एवं अधीनस्‍थ कार्यालय के साथ पत्र व्‍यवहार करने के लिए किया जाता है ।

10.2 कार्यालय ज्ञापन में विषय लिखा जाता है या नहीं ?
उत्‍तर: हॉं, कार्यालय ज्ञापन में विषय लिखा जाता है ।

10.3 कार्यालय ज्ञापन की भाषा कैसी होती है ?
उत्‍तर: कार्यालय ज्ञापन की भाषा अन्‍य पुरुष में अनुरोधात्‍मक होती है ।

10.4 क्‍या कार्यालय ज्ञापन अधीनस्‍थ कार्यालयों एवं कर्मचारियों को जारी  किया जा सकता है ?
उत्‍तर: हॉं, कार्यालय ज्ञापन अधीनस्‍थ कार्यालयों एवं कर्मचारियों को जारी  किया जा सकता है ।

11.1 किस प्रकार के अनुदेश जारी करने हेतु कार्यालय आदेश का प्रयोग किया जाता है
उत्‍तर: आंतरिक प्रशासन  संबंधी आदेश जारी करने हेतु कार्यालय आदेश का प्रयोग किया जाता है ।

12.1 आदेश और कार्यालय आदेश में क्‍या अंतर है
उत्‍तर: आदेश का प्रयोग आमतौर पर कार्यालयों में वित्‍तीय मंजूरियों एवं अनुशासनिक मामलों में संबंधित कर्मचारियों को सरकारी आदेशों कर सूचना देने के लिए किया जाता है लेकिन कार्यालय आदेश का प्रयोग आंतरिक प्रशासन  संबंधी आदेश जारी करने करने के लिए किया जाता है ।

13.1 अंतरविभागीय टिप्‍पणी का प्रयोग कहॉं किया जाता है ?
उत्‍तर: अंतरविभागीय टिप्‍पणी का प्रयोग दो मंत्रालयों या संबद्ध तथा अधीनस्‍थ कार्यालयों के बीच किया जाता है ।

13.2 अंतरविभागीय टिप्‍पणी का प्रयोग किस प्रयोजन के लिए किया जाता है ?
उत्‍तर: अंतरविभागीय टिप्‍पणी का प्रयोग नियमों, अनुदेशों के बारे में स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त करने अथवा विशेषज्ञों या सक्षम अधिकरियों से किसी विषय पर सुझाव, सहमति, व्‍याख्‍या आदि प्राप्‍त करने के लिए किया जाता है ।

13.3 अंतरविभागीय टिप्‍पणी भेजने के कितने प्रकार हैं ?
उत्‍तर: अंतरविभागीय टिप्‍पणी भेजने के दो प्रकार हैं –
I. मिसिल पर ही टिप्‍पणी लिखकर भेजना और  II. अलग से स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी के रूप में भेजना ।

13.4 अंतरविभागीय टिप्‍पणी की भाषा कैसी होती है ?
उत्‍तर: अंतरविभागीय टिप्‍पणी की भाषा कार्यालयीन विशेषताओं के साथ अन्‍य पुरुष में में होती है तथा इसमें आदेशात्‍मक भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता ।

14.1 पृष्‍ठांकन किन स्थितियों में लिखा जाता है ?
उत्‍तर: पृष्‍ठांकन मुख्‍यत: निम्‍नलिखित तीन स्थितियों में लिखा जाता है :
किसी कागज को मूल रूप में प्रेषक को लौटाने के लिए,
पत्र आदि पाने वाले के अतिरिक्‍त उसकी प्रति किसी अन्‍य अनुभाग या अधिकारी को भेजने के लिए  तथा
विभिन्‍न मंत्रालयों से प्राप्‍त कार्यालय ज्ञापन की प्रतियों को अपने संबद्ध एवं अधीनस्‍थ कार्यालयों को भेजने के लिए ।

14.3 किस प्रकार के मसौदा प्रकारों में पृष्‍ठांकन लिखा जाता है ?
उत्‍तर: पत्र, कार्यालय आदेश, कार्यालय ज्ञापन, अधिसूचना, संकल्‍प आदि मसौदा प्रकारों में पृष्‍ठांकन लिखा जाता है ।

15.1 अधिसूचना प्रकाशनार्थ कहां भेजी जाती है ?
उत्‍तर: अधिसूचना प्रकाशनार्थ प्रबंधक, भारत सरकार मुद्रणालय, फरीदाबाद  को  भेजी जाती है ।

15.2 अधिसूचना पर सामान्‍यत: किस स्‍तर का अधिकारी हस्‍ताक्षर करता है ?
उत्‍तर: अधिसूचना पर सामान्‍यत: सचिव या संयुक्‍त सचिव स्‍तर के अधिकारी हस्‍ताक्षर करते  हैं ।

15.3 अधिसूचना के शीर्ष पर क्‍या निदेश दिया जाता है ?
उत्‍तर: अधिसूचना के शीर्ष पर यह निदेश दिया जाता है कि यह भारत के राजपत्र के किस भाग एवं किस खंड में प्रकाशित हेागा ।

15.4 किन किन स्‍थितियों में अधिसूचना जारी की जाती है ?
उत्‍तर: राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्‍नति, स्‍थानांतरण आदि की सूचना, सांविधिक नियमों एवं आदेशों की सूचना, शक्तियों के सौंपे जाने की घोषणा आदि भारत के राजपत्र में प्रकाशित करने के लिए अधिसूचना जारी की जाती है ।

15.5 अधिसूचना में संबोधन और अधेलेख में क्‍या लिखा जाता है ?
उत्‍तर: अधिसूचना में संबोधन और अधेलेख नहीं लिखा जाता ।

16.1 किन किन स्थितियों में संकल्‍प का प्रयोग किया जाता है ?
उत्‍तर: संकल्‍प का प्रयोग सरकारी निर्णयों, जांच समितियों या जांच आयोग के गठन, अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों की नियुक्तियां, निर्णयों की सार्वजनिक घोषणा के करने के लिए किया जाता है ।

16.4 संकल्‍प पर किस स्‍तर के अधिकारी हस्‍ताक्षर करते है ?
उत्‍तर: संकल्‍प पर सचिव या संयुक्‍त सचिव स्‍तर के अधिकारी हस्‍ताक्षर करते हैं ।

16.5 संकल्‍प को तैयार करते समय क्‍या क्‍या सावधानियां रखी जाती है ?
उत्‍तर: संकल्‍प को तैयार करते समय ये सावधानियां रखी जाती हैं कि इसमें कोई त्रुटि न रह जाए, कॉंट छाट न हो, हस्‍ताक्षर के साथ भी संशोधन नहीं होना चाहिए ।

17.1 परिपत्र का प्रयोग कब किया जाता है ?
उत्‍तर: अधीनस्‍थ कार्यालयों या कर्मचारियों से सूचना मांगने अथवा उन्‍हें सरकारी आदेशों, अनुदेशों की सूचना देने के लिए परिपत्र का प्रयोग किया जाता है ।

17.6 परिपत्र और आदेश में क्‍या अंतर है ?
उत्‍तर: परिपत्र का उद्देश्‍य केवल सूचना देना होता है, इसमें  किसी प्रकार के उत्‍तर की अनिवार्यत: अपेक्षा नहीं की जाती लेकिन आदेश में उत्‍तर की अपेक्षा की जा सकती है ।

18.1 प्रेस टिप्‍पणी और प्रेस विज्ञप्ति क्‍या हैं
उत्‍तर: जनसामान्‍य की जानकारी हेतु जो सूचनाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई जाती हैं वे प्रेस टिप्‍पणी हैं जबकि  अंतरराष्‍ट्रीय समझौतों, परीक्षा परिणामों, पदों का भरने हेतु विज्ञापन आदि का  प्रकाशन समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति द्वारा किया जाता है ।

19.1 टिप्‍पणी किस उद्देश्‍य से लिखी जाती है ?
उत्‍तर: बाहर से आए हुए पत्रादि पर कार्रवाई करने से पूर्व एकाधिक सहायकों या अधिकारियेां में वस्‍तुस्थिति को समझने व संक्षेप में प्रस्‍तुत करने के लिए टिप्‍पणी लिखी जाती है ।

20.2 आकार या संरचना की दृष्टि से टिप्‍पणी कितने प्रकार की होती है ?
उत्‍तर: आकार या संरचना की दृष्टि से टिप्‍पणी तीन प्रकार की होती है – प्रशासनिक या नेमी टिप्‍पणी,
स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी, एवं आवती पर आधारित टिप्‍पणी ।

20.5 हाशिया टिप्‍पणी या नेमी टिप्‍पणी किसके द्वारा लिखी जाती है और इसका उद्देश्‍य क्‍या होता है ?
उत्‍तर: हाशिया टिप्‍पणी या नेमी टिप्‍पणी अधिकारी द्वारा  लिखी जाती है और इसका उद्देश्‍य शीघ्र कार्रवाई हेतु दिशा निर्देश देना होता है ।

21.1 स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी किसे कहते हैं ?
उत्‍तर: जो टिप्‍पणी किसी आवती पर आधारित न होकर किसी आवश्‍यकता विशेष को पूरा करने के लिए लिखी जाती है उसे स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी कहते हैं ।

21.2 स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी को स्‍वतंत्र प्रकृति की टिप्‍पणी कयों कहा जाता है ?
उत्‍तर: स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी को स्‍वतंत्र प्रकृति की टिप्‍पणी कहा जाता है कयोंकि वह किसी आवती के संदर्भ में न होकर स्‍वतंत्र होती है ।

21.4 स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी किन मामलों में लिखी जाती है ?
उत्‍तर: स्‍वत: पूर्ण टिप्‍पणी अतिरिक्‍त स्‍टाफ की मांग, एवजी की मांग, लेखन सामग्री की मांग, बैठकों/संगोष्ठियों के आयोजन आदि मामलों में लिखी जाती है ।


No comments:

Post a Comment